बुधवार, ४ नोव्हेंबर, २०१५

दुनिया करें सवाल तो हम क्या जवाब दें - क्रांती साडेकर

दुनिया करे सवाल, तो हम क्या जवाब दे

क्रांती साडेकर

दुनिया करे सवालतो हम क्या जवाब दे
तुम कौन हो ख़याल तो हम क्या जवाब दे

पूछे कोई के दिल को कहाँ छोड़ आये हैं
किस किस से अपना रिश्ता--जान जोड़ आये हैं
मुश्किल हो अर्ज--हाल तो हम क्या जवाब दे

पूछे कोई दर्द--वफ़ा कौन दे गया
रातों को जागने की सजा कौन दे गया
कहने पे हो मलाल तो हम क्या जवाब दे

गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक : लता मंगेशकर
संगीतकार : रोशन
चित्रपट : बहू बेगम (१९६७)





तुमको मेरे दिलनें पुकारा है बडे नाज़ सें - प्रसाद महाबळ


प्रसाद महाबळ
तुमको मेरे दिल ने पुकारा है बड़े नाज़ से
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से

मुझको पहली नज़र मे लगा है यूँ
साथ सदियों पुराना है अपना
और सदियों ही रहना पड़ेगा
तुमको बनके इन आँखो का सपना
युग युग की कस्मे निभाके सनम
इस जग की रस्में निभाके सनम
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से

प्यार की इन हसीं वादियों में
झूम के यूँ ही मिलते रहेंगे
जिंदगी के सुहाने सफ़र में
शैलेंद्र सिंग
हमसफर बनके चलते रहेंगे
इस दिल के अरमां जगाके सनम
मुझको बाहों की राहों में ला के सनम
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से

चित्रपट : रफू चक्कर (१९७५)
गीतकार : गुलशन बावरा

कल्याणजी आनंदजी


रफु चक्कर या चित्रपटातले हे सुंदर गीत Our Karaoke Club साठी गायलंय प्रसाद महाबळ यांनी आपल्या खास ढंगामध्ये. रेकॉर्डींग करताना यामध्ये त्यांनी काही स्पेशल ईफेक्ट्स दिले आहेत तेही ऐकण्यासारखे आहेत.

ईशारों ईशारों में दिल लेनेवाले - डॉ. वैभव केसकर / डॉ. रजनी हुद्दा


इशारों इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तूने सिखा कहा से
निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सिखा है तुमने जहा से

मेरे दिल को तुम भा गए, मेरी क्या थी इस में खता
मुझे जिसने तडपा दिया, यही थी वो जालिम अदा
ये रांझा की बातें, ये मजनू के किस्से
अलग तो नहीं हैं मेरी दास्ताँ से
 
मोहब्बत जो करते हैं वो मोहब्बत जताते नहीं
धड़कने अपने दिल की कभी, किसी को सुनाते नहीं
मज़ा क्या रहा जब के खुद कर दिया हो
मोहब्बत का इज़हार अपनी जुबां से

माना के जान--जहां लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी कुछ तो मगर दाद दो
बहारों को भी नाज़ जिस फूल पर था
वही फूल हम ने चुना गुलसिता से

गीतकार : एस. एच. बिहारी

गायक : आशा - रफी
संगीतकार : . पी. नय्यर
चित्रपट : कश्मिर की कली (१९६४)

ईशारों ईशारों में दिल लेनेवाले -

डॉ. वैभव केसकर / डॉ. रजनी हुद्दा


आमच्या कॅराओके क्लबच्या सभासदांचा हा वेगळा प्रयोग. एकमेकांपासून शेकडो किलोमिटर लांब राहणार्‍या दोन गायक कलावंतांनी हे गाणं वेगवेगळं गायलं आहे यावर विश्वास बसू नये ईतकं ते एकजीव झालं आहे.





तुला पाहीले मी, नदीच्या किनारी - रणजित पराडकर



रणजित पराडकर
तुला पाहिले मी नदीच्या किनारी
तुझे केस पाठीवरी मोकळे
इथे दाट छायांतुनी रंग गळतात
या वृक्षमाळेतले सावळे !

तुझी पावले गे धुक्याच्या महालात
ना वाजली ना कधी नादली
निळागर्द भासे नभाचा किनारा
माझी मला अन्तुला सावली

गीतकार : ग्रेस
मनावेगळी लाट व्यापे मनाला
जसा डोंगरी चंद्र हा मावळे
पुढे का उभी तू, तुझे दुःख झरते ?
जसे संचिताचे ऋतु कोवळे

अशी ओल जाता तुझ्या स्पंदनातून
आकांत माझ्या उरी केवढा
तमातूनही मंद तार्याप्रमाणे
दिसे की तुझ्या बिल्वरांचा चुडा
 
गीतकार : ग्रेस  
गायक : सुरेश वाडकर  
संगीतकार : श्रीधर फडके  
गीतसंग्रह/नाटक : ऋतू हिरवा



याद ना जाए, बीतें दिनोंकी - अव्दैत वेलणकर


याद ना जाये, बीते दिनों की
जा के ना आये जो दिन
दिल क्यों बुलाये, उन्हें दिल क्यों बुलाये?

दिन जो पखेरू होते, पिंजरें में मैं रख लेता
पालता उनको जतन से, मोती के दाने देता
सीने से रहता लगाये

तसवीर उनकी छूपा के, रख दू जहाँ जी चाहे
मन में बसी ये मूरत लेकिन मिटी ना मिटाये
कहने को हैं वो पराये

शंकर जयकिशन

शैलेन्द्र
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : मोहम्मद रफी
संगीतकार : शंकर जयकिशन
चित्रपट : दिल एक मंदिर (१९६३)

मोहम्मद रफी









Our Karaoke Club साठी हे अप्रतिम गीत गायलंय अव्दैत वेलणकर यांनी