कैलास बनसोडे |
जाने क्या सोचकर
नहीं गुजरा
एक पल रातभर
नहीं गुजरा
अपनी तनहाई का औरों
से ना शिकवा
करना
तुम अकेले ही नहीं
हो सभी अकेले
हैं
ये अकेला सफ़र नहीं
गुजरा
दो घड़ी जीने
की मोहलत तो
मिली है सब
को
एक घड़ी का
सफ़र नहीं गुजरा
गीतकार
: गुलज़ार
गायक : किशोर कुमार
संगीतकार
: राहुलदेव बर्मन
चित्रपट
: किनारा (१९७६)
जाने क्या सोच कर नहीं गुजरा - कैलास बनसोडे
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन |
गीतकार : गुलज़ार |
जाने क्या सोच कर नहीं गुजरा |
आईग्गं... कसला जानलेवा आवाज आहे कैलासभाऊंचा , जियो _/\_
उत्तर द्याहटवाही टिप्पणी लेखकाना हलविली आहे.
उत्तर द्याहटवाविशाल सर...तुमच्या सहकार्याने अणि शैलेंद्र सरांचा प्रयत्न यामुळेच नेट वर्ती आमची ओळख निर्माण झाली..खुप खुप धन्यवाद..!!!.
उत्तर द्याहटवास्वागत आहे बंधू _/\_
उत्तर द्याहटवाvery nice kailash
उत्तर द्याहटवाDil ko choo lene wali aawaz. Very pleasant. Very soothing to ears. Gate raho Kailash bhai
उत्तर द्याहटवा