डॉ. रजनी हुद्दा |
तुम ना जाने
किस जहां में
खो गये
हम भरी दुनिया
में तनहा हो
गये
मौत भी आती
नहीं, आस भी
जाती नहीं
दिल को ये
क्या हो गया
कोई शय भाती
नहीं
लूट कर मेरा
जहां, छूप गये
हो तुम कहाँ
एक जान और
लाख ग़म, घुट
के रह जाए
ना दम
आओ तुम को
देख ले डूबती
नज़रों से हम
लूट कर मेरा
जहां, छूप गये
हो तुम कहाँ
लता- दादा बर्मन |
गीतकार
: साहिर लुधियानवी
गायक : लता मंगेशकर
संगीतकार
: सचिनदेव बर्मन
चित्रपट
: सज़ा (१९५१)
साहिर |
लताच्या सर्वोत्तम दहा गीतातील एक असलेले हे गीत गायलंय डॉ. रजनी हुद्दा यांनी
Excellent Tai
उत्तर द्याहटवाGo on
Wah wah kya bat hai
उत्तर द्याहटवाExcellent Tai
उत्तर द्याहटवाGo on
Excellent !!!!!!
उत्तर द्याहटवाExcellent !!!!!!
उत्तर द्याहटवा