गुरुवार, १ ऑक्टोबर, २०१५

सीने में सुलगते हैं अरमान - क्रांती साडेकर


सीने में सुलगते हैं अरमान आँखों में उदासी छायी हैं
ये आज तेरी दुनियाँ से हमें तकदीर कहा ले आई हैं

कुछ आँख में आँसू बाकी हैं
जो मेरे गम के साथी हैं
अब दिल हैं ना दिल के अरमां हैं
बस मैं हूँ मेरी तनहाई हैं

ना तुझ से गिला कोई हम को
ना कोई शिकायत दुनियाँ से
दो चार कदम जब मंझिल हैं
किस्मत ने ठोकर खायी हैं

कुछ ऐसी आग लगी मन में
जीने भी ना दे मरने भी ना दे
चुप हूँ तो कलेजा जलता हैँ
बोलू तो तेरी रुसवाई हैं

गीतकार : , गायक : लता - तलत मेहमूद, संगीतकार : अनिल विश्वास, चित्रपट : तराना - 1951 


Our Karaoke Club साठी क्रांती साडेकर, नागपूर यांनी गायलेलं हे सुंदर गाणे.

५ टिप्पण्या: