याद ना जाये,
बीते दिनों की
जा के ना
आये जो दिन
दिल क्यों बुलाये, उन्हें
दिल क्यों बुलाये?
दिन जो पखेरू
होते, पिंजरें में
मैं रख लेता
पालता उनको जतन
से, मोती के
दाने देता
तसवीर उनकी छूपा
के, रख दू
जहाँ जी चाहे
मन में बसी
ये मूरत लेकिन
मिटी ना मिटाये
कहने को हैं
वो पराये
शंकर जयकिशन |
शैलेन्द्र |
गीतकार
: शैलेन्द्र
गायक : मोहम्मद रफी
संगीतकार
: शंकर जयकिशन
चित्रपट : दिल एक मंदिर (१९६३)मोहम्मद रफी
Our Karaoke Club साठी हे अप्रतिम गीत गायलंय अव्दैत वेलणकर यांनी
सुंदर!
उत्तर द्याहटवाKhup mast
उत्तर द्याहटवा